या अल्लाह ! जो कुछ पढ़ा गया ( अगर खाना वगैरा है तो इस तरह से भी कहिये ) और जो कुछ खाना वगैरा पेश किया गया है उस का सवाब हमारे नाक़िस अमल क...
या अल्लाह ! जो कुछ पढ़ा गया ( अगर खाना वगैरा है तो इस तरह से भी कहिये ) और जो कुछ खाना वगैरा पेश किया गया है उस का सवाब हमारे नाक़िस अमल के लाइक नहीं बल्कि अपने करम के शायाने शान मर्हमत फ़रमा । और इसे हमारी जानिब से अपने प्यारे महबूब , दानाए गुयूब की बारगाह नज्र पहुंचा ।
सरकारे मदीना के तवस्सुत से तमाम अम्बियाए किराम : तमाम सहाबए किराम तमाम औलियाए इज़ाम की जनाब में नज्र पहुंचा ।
सरकारे मदीना - के तवस्सुत से सय्यिदुना आदम सफ़िय्युल्लाह से ले कर अब तक जितने इन्सान व जिन्नात मुसल्मान हुए या क़ियामत तक होंगे सब को पहुंचा ।
इस दौरान बेहतर येह है कि जिन जिन बुजुर्गों को खुसूसन ईसाले सवाब करना है उन का नाम भी लेते जाइये । अपने मां बाप और दीगर रिश्तेदारों और अपने पीरो मुर्शिद को भी नाम ब नाम ईसाले सवाब कीजिये ।
( फ़ौत शु - दगान में से जिन जिन का नाम लेते हैं उन को खुशी हासिल होती है अगर किसी का भी नाम न लें सिर्फ इतना ही कह लें कि या अल्लाह ! इस का सवाब आज तक जितने भी अहले ईमान हुए उन सब को पहुंचा तब भी हर एक को पहुंच जाएगा ।)
अब हस्बे मा'मूल दुआ ख़त्म कर दीजिये । ( अगर थोड़ा थोड़ा खाना और पानी निकाला था तो वोह दूसरे खानों और पानी में डाल दीजिये )
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