कब्रिस्तान पर फातिहा पढ़ने का तरीका Kabristan Par Fatiha Padhne Ka Tarika in Hindi: इस दुनिया में जो भी इंसान पैदा हुआ है उसे एक न एक दिन र...
कब्रिस्तान पर फातिहा पढ़ने का तरीका Kabristan Par Fatiha Padhne Ka Tarika in Hindi: इस दुनिया में जो भी इंसान पैदा हुआ है उसे एक न एक दिन रुखसत हो जाना है
जो इस दुनिया से जा चुके है वह अपनी मगफिरत चाहता है ऐसे में आपको अपने खानदान से लेकर जो दुनिया से जा चुके है उनके लिए कब्रिस्तान पर जाकर मगफिरत की दुआ करना चाहिए
कब्रिस्तान पर फातिहा पढ़ने का तरीका
कब्रिस्तान पर जाकर आप कुरआन पाक की कुछ आयत, सूरह पढ़े इस तरह से आपके खानदान की बख्शीश के लिए दुआ मांग सकते है कब्रिस्तान पर आयत एंव दुआ जो पढना है वह निम्नलिखित हैजब कब्रिस्तान पर फातिहा पढने के लिए जाना हो तो पहले पाक साफ़ होकर वुजू करें उसके बाद कब्रिस्तान पर जाएं
अब कब्रिस्तान पर पहुचने के बाद सबसे पहले सलाम करें “अस्सलामु वालेकुम व रहमतुल्ला व बर्कातुहू बरकतुह“
सलाम करने के बाद आप अपने खानदान के जो मरहूमीन है उनकी कब्र पर जाएं
कब्र पर पश्चिम रुख करके खड़े हो जाए खड़े होने के बाद जो बताया गया उसे पढ़े
दरूद शरीफ ग्यारह मर्तबा, अलीफ लाम मीम जो याद हो पढ़े, सुरह काफिरून एक मर्तबा, सुरह इखलास तीन मर्तबा, सुरह फलक एक मर्तबा, सुरह नास एक मर्तबा, सुरह यासीन याद हो तो पढ़े और सुरह फातिहा एक मर्तबा पढ़े
इसके बाद की आयतुल कुर्सी, सुरह बकरा की आखिरी दो आयतें पढ़ ले अगर याद हो तो पढ़े इसे पढना अफजल माना जाता है
आखिर में 11 मर्तबा दुरूद ए पाक पढ़े
उसके बाद अल्लाह पाक की रहमत के लिए अल्लाह की बारगाह में “दुआ ए मगफिरत” के लिए दुआ करें
कब्रिस्तान पर फातिहा पढ़ने का तरीका मुकम्मल हुआ इसके बाद दुआ मांगे
मगफिरत की दुआ इन हिंदी मगफिरत की दुआ करने से पहले कब्रिस्तान पर फातिहा पढ़े जो बताया गया है
इसके बाद अल्लाह पाक की रहमत के लिए अल्लाह की बारगाह में मगफिरत की दुआ करे
अल्लाह पाक से रो रो कर दुआ मांगे दुआ मांगने के तरीका नीचे पढ़े:-
||या अल्लाह तू रहीम है, तू करीम है तू पाक बेनियाज है तू गहफुरु रहीम है तेरे सिवा
‘या मेरे अल्लाह कोई इबादत के लायक नहीं
‘या अल्लाह तू सारें जहाँ का मालिक है||
इसके बाद तीन मर्तबा “दरूदे इब्राहिम” पढ़े
उसके बाद नीचे जैसे बताया गया है ठीक वैसे मगफिरत की दुआ मांगे
||या अल्लाह मैंने तेरे “कलाम ए पाक” की तिलावत की
या अल्लाह मैंने इसे पढने में बेशक और बेशुमार टूटी फूटी गलतियां की होंगी
||या अल्लाह तू अपने फज़ल ओ करम से इन तमाम टूटी फूटी गलतियों को माफ फरमा दे
या अल्लाह मैंने जो तेरे बारगाह में कलाम ए पाक की तिलावत की उसे कबूल फरमा
इसका सवाब देश दुनिया के तमाम मुसलमीन और मुसलमान को
जो इस दुनिया को छोड़ चुके या इस दुनिया से रुखसत कर चुके है उन्हें पहुंचा
‘या मेरा अल्लाह दुनिया के तमाम मुसलमानो और मेरे खर खानदान के लोगो को दादा दादी ,,,,,,नाम जोड़े की मगफिरत अता फरमा
इसके बाद तीन बार दुरूद ए पाक पढ़ ले इस तरह मगफिरत की दुआ मुकम्मल हुई”
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